पाठ 1 "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा"
रचनाकार - श्यामलाल पार्षद
कविता का केन्द्रीय भाव — स्वतंत्रता संग्राम में यह गीत शक्ति, प्रेम और वीरता का प्रतीक था। यह ऐसा प्रेरणा गीत है जिसे सुनकर और गाकर हजारों-लाखों युवक देश के स्वतंत्रता आंदोलन में स्वयं का वलिदान करने के लिए चल पड़े और स्वतंत्रता प्राप्ति के ध्येय को प्राप्त किया। यह एक अभियान गीत भी है जो आज भी शालाओं में, प्रभात फेरियों में अथवा राष्ट्र के विशिष्ट महत्व के अवसरों पर गाया जाता है।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
इस झंडे के नीचे निर्भय,
रहें स्वतंत्र यह अविचल निश्चय,
बोलो भारत-माता की जय,
स्वतंत्रता है ध्येय हमारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
आओ, प्यारे वीरो, आओ,
देश-धर्म पर वलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,
विश्व विजय करके दिखलाएँ,
तव होवे प्रण पूर्ण हमारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
प्रसंग और संदर्भ सहित व्याख्या
सभी पदों हेतु संदर्भ — प्रस्तुत पंक्तियों हमारी भाषा भारती (हिंदी विशिष्ट) के पाठ 1 "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा" कविता से ली गई हैं। इस कविता के रचनाकार श्री श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' हैं।
सभी पदों हेतु प्रसंग — प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने तिरंगे झंडे को भारत की आन-बान-शान का प्रतीक बताते हुए, देशवासियों को इसके सम्मान की रक्षा के लिए प्रेरित किया है। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बहुत लोकप्रिय हुआ था और आज भी देशभक्ति की भावना को जगाने के लिए गाया जाता है।
व्याख्या
पद्य 1
"विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।"
भावार्थ — कवि कहते हैं कि हमारा तिरंगा झंडा बहुत प्यारा है, जो पूरे विश्व में विजयी होने का प्रतीक है। हमारी यह कामना है कि यह झंडा हमेशा ऊँचा लहराता रहे।
पद्य 2
"सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।"
भावार्थ — झंडा शक्ति, प्रेम और वीरता का प्रतीक है। यह हमें हमेशा शक्ति देता है, प्रेम की वर्षा करता है और वीरों के मन में खुशी और उत्साह भर देता है। यह हमारी मातृभूमि का तन और मन दोनों है। इसलिए, यह हमेशा ऊँचा रहे।
पद्य 3
"स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।"
भावार्थ — स्वतंत्रता के लिए लड़े गए भयंकर युद्धों में, इस झंडे को देखकर हमारे सैनिकों का जोश हर पल बढ़ता गया। इसे देखकर शत्रुओं के मन में भय पैदा हो जाता है। इस झंडे की शक्ति से हमारे सारे भय और संकट दूर हो जाते हैं। हमारी कामना है कि यह झंडा हमेशा ऊँचा रहे।
पद्य 4
"इस झंडे के नीचे निर्भय,
रहें स्वतंत्र यह अविचल निश्चय,
बोलो भारत-माता की जय,
स्वतंत्रता है ध्येय हमारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।"
भावार्थ — यह झंडा हमें निर्भय होकर और स्वतंत्र रूप से रहने का दृढ़ निश्चय देता है। यह हमें "भारत-माता की जय" बोलने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि स्वतंत्रता ही हमारा मुख्य लक्ष्य है। हमारा तिरंगा हमेशा ऊँचा लहराता रहे।
पद्य 5
"आओ, प्यारे वीरो, आओ,
देश-धर्म पर वलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।"
भावार्थ — कवि देशवासियों को पुकारते हैं और कहते हैं कि आओ, प्यारे वीरो, और अपने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दो। आओ, हम सब मिलकर गाएं कि हमारा भारत देश बहुत प्यारा है, और हमारा तिरंगा हमेशा ऊँचा रहे।
पद्य 6
"इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,
विश्व विजय करके दिखलाएँ,
तव होवे प्रण पूर्ण हमारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।"
भावार्थ — कवि कहते हैं कि हमें इस तिरंगे की शान को कभी कम नहीं होने देना चाहिए, भले ही इसके लिए हमें अपनी जान क्यों न गँवानी पड़े। जब हम पूरे विश्व पर विजय प्राप्त कर लेंगे, तभी हमारा यह संकल्प पूरा होगा कि झंडा हमेशा ऊँचा रहे।
विशेष
भाषा — कविता की भाषा सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण है। यह आम लोगों को भी आसानी से समझ आ जाती है।
भाव — इसमें देशप्रेंम, राष्ट्रगौरव और बलिदान की भावना का सुंदर चित्रण किया गया है।
अलंकार — पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है, जैसे "विजयी विश्व" और "प्यारा"।
शैली — यह एक ओजपूर्ण गीत है जो लोगों में जोश और उत्साह भर देता है।
संदेश — गीत हमें सिखाता है कि हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिए और देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
शब्दार्थ
विजयी = जीतने वाला।
प्यारा = प्रिय, मनमोहक।
सदा = हमेशा।
शक्ति = बल, ताकत।
बरसाने वाला = देने वाला।
सुधा = अमृत।
सरसाने वाला = रस या प्रेम भरने वाला।
हरषाने वाला = प्रसन्न करने वाला।
मातृभूमि = जन्मभूमि, अपना देश।
भीषण = बहुत भयानक।
रण = युद्ध, लड़ाई।
लखकर = देखकर।
क्षण-क्षण = हर पल।
काँपे = काँपना या डरना।
शत्रु = दुश्मन।
संकट = मुसीबत।
निर्भय = बिना डर के।
अविचल = स्थिर, दृढ़।
निश्चय = पक्का इरादा।
ध्येय = लक्ष्य, उद्देश्य।
वलि-बलि जाओ = न्योछावर हो जाओ, बलिदान हो जाओ।
शान = गौरव, प्रतिष्ठा।
तव = तब।
प्रण = प्रतिज्ञा, वादा।
अभ्यास
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए —
(क) सदा शक्ति बरसाने वाला।
(ख) प्रेम सुधा सरसाने वाला।
(ग) स्वतंत्रता के भीषण रण में।
(घ) मिट जाए भय संकट सारा।
(ङ) तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।
(क) कवि के अनुसार हमारा ध्येय क्या है?
उत्तर— कवि के अनुसार हमारा मुख्य ध्येय (लक्ष्य) स्वतंत्रता है।
(ख) झंडे को ऊँचा रखने से क्या तात्पर्य है?
उत्तर— झंडे को ऊँचा रखने का तात्पर्य है कि हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज की शान, मान और सम्मान की हमेशा रक्षा करनी चाहिए, भले ही इसके लिए हमें अपनी जान क्यों न गंवानी पड़े। यह देश के गौरव को बनाए रखने का प्रतीक है।
(ग) कवि ने झंडे को 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' क्यों कहा है?
उत्तर— कवि ने झंडे को 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' इसलिए कहा है क्योंकि यह झंडा हमारे देश की विजय का प्रतीक है। यह हमें हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है और दुनिया में हमारे देश का मान बढ़ाता है। यह हर भारतीय को बहुत प्रिय है।
(ग) कवि वीरों को क्यों बुला रहा है?
उत्तर— कवि वीरों को इसलिए बुला रहा है ताकि वे सब मिलकर देश और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देने को तैयार रहें। वह चाहता है कि सभी वीर एक साथ आकर देश की शान को बनाए रखने के लिए एकजुट हों।
(घ) तिरंगे को देखकर वीरों के मन में कौन से भाव जाग्रत होते हैं?
उत्तर— तिरंगे को देखकर वीरों के मन में जोश, उत्साह और देशभक्ति की भावनाएँ जाग्रत होती हैं। यह उन्हें निर्भय बनाता है और देश की रक्षा के लिए प्रेरित करता है।
(ङ) स्वतंत्रता संग्राम में शत्रु की दशा कैसी है?
उत्तर— स्वतंत्रता संग्राम में शत्रु की दशा बहुत ही दयनीय है। वे हमारे झंडे को देखकर भयभीत हो जाते हैं और उनके मन में डर पैदा हो जाता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए—
(क) मातृभूमि का तन-मन सारा ।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
(ख) स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में ।
(ग) इस झंडे के नीचे निर्भय,
रहें स्वतंत्र यह अविचल निश्चय,
(घ) इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,
टीप — उक्त पंक्तियां के भावार्थ को ऊपर स्पष्ट कर दिया गया है विद्यार्थीगण वहां से खोज कर देख लें।
भाषा की बात
1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए -
स्वतंत्रता, मातृभूमि, निर्भय, निश्चय, ध्येय, प्रण
टीप — विद्यार्थी गाना उक्त शब्दों का बार-बार उच्चारण करके अपने अभ्यास में लाएं।
पूरण, सान, विरो, ऊंचा
उत्तर — पूर्ण, शान, वीरों, ऊॅंचा 3. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द-वर्ग तालिका से छाँटकर लिखिए —
| अमृत | ध्वज | देह |
| जगत | अमिय | पताका |
| जननी | संसार | बैरी |
| अरि | शरीर | माँ |
पर्यायवाची शब्द
सुधा — अमृत, अमिय
विश्व — जगत, संसार
झंडा — ध्वज, पताका
माता — जननी, माॅं
शत्रु — अरि, बैरी
तन — शरीर, देह
4. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए -
स्वतंत्र — परतंत्र
शत्रु — मित्र
नीचे — उपर
विजय — पराजय
प्रायोजना कार्य
1. शिक्षक की सहायता से तिरंगे झंडे के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीजिए।
2. विभिन्न देशों के झंडों के चित्र खोजकर एलबम बनाइए ।
3. ध्वजारोहण के समय ध्यान देने योग्य बातों की सूची बनाइए।
4. देशभक्ति से संबंधित अन्य गीतों को लिखकर कक्षा में लगाइए।
5. अमर शहीदों के संबंध में सचित्र जानकारियाँ तैयारकर अपने साथियों को दिखाइए।
प्रयोजना कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु
1. शिक्षक की सहायता से तिरंगे झंडे के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीजिए।
मैं आपको तिरंगे झंडे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ इस प्रकार हो सकती हैं।
राष्ट्रीय ध्वज के नियम — भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को हमेशा सम्मान के साथ और विशेष अवसरों पर ही फहराना चाहिए। इसका उपयोग किसी व्यावसायिक या व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता।
तिरंगे का महत्व — तिरंगे में तीन रंग होते हैं: सबसे ऊपर केसरिया जो साहस और बलिदान का प्रतीक है, बीच में सफेद जो शांति, पवित्रता और सच्चाई को दर्शाता है, और सबसे नीचे हरा जो उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता का प्रतीक है।
अशोक चक्र — सफेद पट्टी के बीच में 24 तीलियों वाला नीले रंग का अशोक चक्र धर्म और प्रगति का प्रतीक है। ये 24 तीलियाँ दिन के 24 घंटों को दर्शाती हैं।
झंडे का निर्माण — भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, झंडे को केवल खादी के कपड़े से ही बनाया जा सकता है।
विद्यार्थियों के लिए टीप (निर्देश)
2. विभिन्न देशों के झंडों के चित्र खोजकर एलबम बनाइए।
यह एक रचनात्मक कार्य है जिसे आपको स्वयं करना होगा।
टीप — विभिन्न देशों के झंडों के चित्र इंटरनेट या किताबों से खोजें। उन्हें अपनी नोटबुक या एक शीट पर चिपकाएँ। हर झंडे के नीचे उस देश का नाम और उसकी राजधानी का नाम भी लिखें। यह आपकी जानकारी को और बेहतर बनाएगा।
3. ध्वजारोहण के समय ध्यान देने योग्य बातों की सूची बनाइए।
यह एक महत्वपूर्ण और व्यावहारिक कार्य है।
टीप — ध्वजारोहण के समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए: झंडे को कभी जमीन पर नहीं गिरने देना चाहिए, उसे सम्मानपूर्वक फहराना और उतारना चाहिए, और उसे कभी भी उल्टा नहीं फहराना चाहिए। इन और ऐसी ही अन्य बातों की एक सूची बनाइए।
4. देशभक्ति से संबंधित अन्य गीतों को लिखकर कक्षा में लगाइए।
यह कार्य आपकी देशभक्ति की भावना को और मजबूत करेगा।
टीप — "ऐ मेरे वतन के लोगों," "कर चले हम फिदा," या "सारे जहाँ से अच्छा" जैसे कुछ प्रसिद्ध देशभक्ति गीत खोजें। उन गीतों की पंक्तियाँ अपनी साफ-सुथरी लिखावट में एक चार्ट पेपर पर लिखें और उन्हें अपनी कक्षा में लगाएं।
5. अमर शहीदों के संबंध में सचित्र जानकारियाँ तैयार कर अपने साथियों को दिखाइए।
यह कार्य उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
टीप — भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, या सुभाष चंद्र बोस जैसे कुछ अमर शहीदों के बारे में जानकारी और उनके चित्र इकट्ठा करें। उनके बलिदान और उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को लिखें। इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ साझा करें।
शिक्षकों से बात
१. कविता का लय के साथ स्वयं वाचन करें और छात्र/छात्राओं से सामूहिक वाचन कराएँ।
२. देश प्रेम के भावों से भरपूर अन्य कविताएँ भी कक्षा में सुनाएँ।
उक्त बिंदुओं से संबंधित शिक्षकों के लिए सुझाव—
१. कविता का लय के साथ स्वयं वाचन करें और छात्र/छात्राओं से सामूहिक वाचन कराएँ।
सबसे पहले शिक्षक को खुद लय और ताल के साथ कविता का वाचन करना चाहिए ताकि छात्र/छात्राएँ उसे ठीक से समझ सकें। जब छात्र/छात्राएँ लय को समझ जाएँ, तो उन्हें एक साथ सामूहिक रूप से कविता का वाचन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
२. देश प्रेम के भावों से भरपूर अन्य कविताएँ भी कक्षा में सुनाएँ।
कक्षा में देश प्रेम की भावना जगाने के लिए, शिक्षक अन्य प्रसिद्ध देशभक्ति कविताएँ भी सुना सकते हैं, जैसे—
"सारे जहाँ से अच्छा"
"कर चले हम फ़िदा"
"झंडा ऊँचा रहे हमारा"
"ऐ मेरे वतन के लोगों"
प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न
रचनाकार का नाम - "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा" गीत के रचनाकार श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' हैं।
गीत की प्रकृति - यह एक "प्रेरणा गीत" और "अभियान गीत" है, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सैनिकों और नागरिकों में जोश भरने के लिए गाया जाता था।
झंडे का महत्व - यह गीत भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, "तिरंगे की महिमा" का वर्णन करता है।
गीत का मुख्य भाव - गीत का मुख्य भाव "देशभक्ति, राष्ट्रगौरव, एकता और बलिदान" की भावना को जगाना है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' कविता के रचयिता कौन हैं?
(अ) रामधारी सिंह 'दिनकर'
(ब) सुभद्रा कुमारी चौहान
(स) श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
(द) मैथिलीशरण गुप्त
2. कविता के अनुसार, हमारा 'ध्येय' क्या है?
(अ) विश्व विजय
(ब) शक्ति
(स) प्रेम
(द) स्वतंत्रता
3. झंडे को देखकर वीरों के मन में कौन से भाव जाग्रत होते हैं?
(अ) भय
(ब) निराशा
(स) जोश और उत्साह
(द) घमंड
4. कविता के अनुसार, देशभक्त किस पर बलिदान होने के लिए तैयार रहते हैं?
(अ) धन
(ब) यश
(स) देश और धर्म
(द) सम्मान
5. 'सरसाने वाला' शब्द का सही अर्थ क्या है?
(अ) शक्तिशाली
(ब) रस भरने वाला
(स) डरने वाला
(द) मुस्कुराने वाला
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
प्रश्न— 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' गीत को 'अभियान गीत' क्यों कहा गया है?
उत्तर— क्योंकि यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोगों को एकजुट करने और उनमें देशभक्ति की भावना भरने के लिए एक अभियान के रूप में गाया जाता था। यह आज भी राष्ट्रीय पर्वों पर गाया जाता है।
प्रश्न — कवि ने झंडे को 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' क्यों कहा है? उत्तर— क्योंकि यह झंडा हमारे देश की विजय का प्रतीक है और यह हर भारतीय को बहुत प्रिय है।
प्रश्न— तिरंगे को देखकर शत्रु की दशा कैसी हो जाती है?
उत्तर— तिरंगे को देखकर शत्रु के मन में भय पैदा हो जाता है और वे काँपने लगते हैं।
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