टीप - प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए वैकल्पिक प्रश्न उत्तर सहित सबसे नीचे देखें।
आइए, सीखें : राष्ट्र-प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना
उपमा अलंकार का परिचय' के विभिन रूपों की पहचान
पर्यायवाची शब्द एवं विलोम शब्द
पाठ-परिचय : इस कविता में कवि ने देवी सरस्वती की वन्दना की है। कवि माँ सरस्वती से नव-निर्माण हेतु वर मांगते हुए समूचे संसार को आलोकित करने की प्रार्थना कर रहा।
वर दे, वीणावादिनि, वर दे ।
प्रिय स्वतन्त्र रव, अमृत मन्त्र नव
भारत में भर दे !
काट अन्ध उर के बन्धन स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष भेद, तम हर, प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे !
नव गति, नव लय, ताल-छन्द नव,
नवल कंठ, नव जलद मन्द्र रव,
नव नभ के नव विहग वृन्द को
नव पर, नव स्वर दे !
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
कवि परिचय - निराला जी का जन्म बंगाल के मेदिनीपुर में सन् 1897 में हुआ था। आपके पिता उन्नाव जिले में गढ़ाकोला गाँव के रहने वाले थे। आपका कार्य क्षेत्र प्रमुख रूप से उत्तरप्रदेश ही रहा है। आपकी रचनाओं में प्रेम, सौन्दर्य, उल्लास, ओज और भक्ति के स्वर हैं। हिन्दी के छायावादी कवियों की त्रिमूर्ति निराला, प्रसाद और पंत में से निराला जी एक हैं। हिन्दी कविता को मुक्त छंद आपकी ही देन है।
शिक्षण-संकेत :
कविता को हाव भाव और लय के साथ बच्चों को सुनाएँ और उनसे भी सुनें।
कठिन शब्दों के अर्थ बच्चों की सहभागिता से स्पष्ट करें।
कविता के भाव बच्चों की सहभागिता से स्पष्ट करें।
यह कविता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की प्रसिद्ध देशभक्ति रचना “वर दे, वीणावादिनि, वर दे!” है। इसमें कवि ने सरस्वती माता से राष्ट्र के नवजागरण, स्वतंत्रता और उज्ज्वल भविष्य के लिए वरदान माँगा है। नीचे कविता के तीनों पदों का — संदर्भ, प्रसंग और व्याख्या — सरल एवं बोधगम्य भाषा में दिया गया है 👇
✳️ पहला पद
पद्यांश 1:
वर दे, वीणावादिनि, वर दे ।
प्रिय स्वतन्त्र रव, अमृत मन्त्र नव
भारत में भर दे !
संदर्भ : यह पंक्तियाँ सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की देशभक्ति कविता “वर दे, वीणावादिनि, वर दे” से ली गई हैं। इसमें कवि ने देवी सरस्वती से राष्ट्र के नवजागरण का आशीर्वाद माँगा है।
प्रसंग : कवि भारत की उन्नति और स्वतंत्रता के लिए देवी सरस्वती से प्रार्थना करता है कि वे अपने ज्ञान और संगीत से भारतभूमि को नवचेतना और स्वतंत्रता के स्वर से भर दें।
व्याख्या : कवि देवी सरस्वती से निवेदन करता है कि वे अपने वीणा-नाद से भारतवर्ष में स्वतंत्रता, ज्ञान और नूतन प्रेरणा का अमृत घोल दें। देश के हर व्यक्ति के मन में स्वतन्त्रता और नवजीवन की भावना जग जाए — यही कवि की कामना है।
विशेष : इस पद में राष्ट्रप्रेम और नवचेतना का भाव प्रकट हुआ है। कवि ने देवी सरस्वती को राष्ट्रजागरण की प्रेरक शक्ति माना है, जो अपने वीणा-स्वर से देश में स्वतन्त्रता और जागृति का संचार करेंगी।
✳️ दूसरा पद
पद्यांश:
काट अन्ध उर के बन्धन स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष भेद, तम हर, प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे !
संदर्भ : यह पद उसी कविता का भाग है जिसमें कवि अज्ञान और अधर्म से ग्रस्त मानवता को उजाले की ओर ले जाने की प्रार्थना करता है।
प्रसंग : कवि देवी सरस्वती से प्रार्थना करता है कि वे भारत के हृदयों में छाए अंधकार को दूर करें और ज्ञान, सत्य और प्रकाश का प्रवाह बहा दें।
व्याख्या : कवि कहता है — हे माता! हमारे मनों में जो अंधकार, पाप और जड़ता के बन्धन हैं, उन्हें काट दो। ज्ञान और विवेक का ज्योतिर्मय निर्झर बहा दो ताकि संसार का हर कोना प्रकाश से भर जाए और मानवता में फिर से उजाला फैल जाए।
विशेष : इस पद में ज्ञान, शुद्धि और प्रकाश की भावना है। कवि चाहता है कि अज्ञान का अंधकार मिटे और समूचा समाज सत्य, ज्ञान और विवेक की ज्योति से आलोकित हो उठे। यह पद आध्यात्मिक एवं बौद्धिक जागरण का प्रतीक है।
✳️ तीसरा पद
पद्यांश:
नव गति, नव लय, ताल-छन्द नव,
नवल कंठ, नव जलद मन्द्र रव,
नव नभ के नव विहग वृन्द को
नव पर, नव स्वर दे !
संदर्भ : यह कविता का अंतिम पद है जिसमें कवि देश में नई ऊर्जा, नई प्रेरणा और सृजनात्मकता की कामना करता है।
प्रसंग : कवि चाहता है कि देवी सरस्वती देश में नवीन उत्साह और सृजन की शक्ति भर दें ताकि हर व्यक्ति नई दिशा में बढ़ सके।
व्याख्या : कवि देवी से कहता है — हे वीणावादिनि! हमारे जीवन में नई गति, नई लय और नया उत्साह भर दो। हमारी वाणी, संगीत और विचार सबमें नवीनता आ जाए ताकि यह राष्ट्र फिर से ऊँचाइयों पर उड़ सके और अपने गौरव को प्राप्त कर सके।
विशेष : इस पद में नवता, सृजन और प्रगति की भावना है। कवि का विश्वास है कि जब देश के युवकों में नई शक्ति और कला का उदय होगा, तभी राष्ट्र का सांस्कृतिक पुनर्जागरण और उत्थान संभव होगा।
अभ्यास
बोध प्रश्न
प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए-
वीणावादिनि = वीणा बजाने वाली देवी (सरस्वती माता)
मन्द्र रव = गम्भीर और धीमी गूँजती हुई ध्वनि
उर = हृदय, मन
नव = नया, नूतन
अंध-उर = अंधकारमय हृदय, अज्ञान से भरा मन
जननि = माता, जनम देने वाली (यहाँ भारत माता या सरस्वती)
बंधन-स्तर = बन्धनों की परतें, रोकने वाले स्तर
तम = अंधकार, अज्ञान
विहगवृन्द = पक्षियों का समूह
पर = पंख
कलुष = पाप, अशुद्धि, मैल
कलुष भेद = पाप या अशुद्धि को दूर करना
तम हर = अंधकार को हरने वाला, मिटाने वाला
जगमग जग कर दे = संसार को उजाला और प्रकाशमय बना दे
प्रकाश = उजाला, रोशनी, ज्ञान
ज्योतिर्मय निर्झर = प्रकाश से भरी झरने जैसी धारा
नवल = नया, सुन्दर, आकर्षक
रव = आवाज़, स्वर
अमृत मन्त्र = जीवनदायी वाणी या पवित्र शब्द
स्तर = तह, परत
निर्झर = झरना, जलधारा
गति = चाल, प्रगति
लय = ताल, गति, सामंजस्य
छन्द = कविता की लयात्मक रचना
कंठ = गला, स्वर निकालने का स्थान
जलद = बादल
नभ = आकाश
स्वर = सुर, आवाज़
राष्ट्रजागरण = राष्ट्र में चेतना और उत्साह का उदय
प्रेरणा = उत्साह देने वाली शक्ति
सृजन = निर्माण, रचना
ज्योतिर्मय = प्रकाश से भरा हुआ, उज्ज्वल
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए —
क. 'नव नभ' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर – 'नव नभ' के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि देश में नई दिशा, नई ऊँचाई और नवीन सोच का वातावरण बने। वह चाहता है कि भारत के जीवन में नवीनता और प्रगति का उज्ज्वल आकाश फैले।
ख. इस कविता में कवि किससे वरदान माँग रहा है?
उत्तर – इस कविता में कवि देवी सरस्वती से वरदान माँग रहा है कि वे अपने ज्ञान, संगीत और प्रेरणा से भारत में नवचेतना और स्वतंत्रता का प्रकाश भर दें।
ग. कवि भारत में कौन-सा मंत्र भरने की बात कह रहा है?
उत्तर – कवि भारत में स्वतंत्रता का अमृतमय मंत्र भरने की बात कह रहा है, ताकि देशवासी ज्ञान, प्रकाश और नई चेतना से ओत-प्रोत होकर आगे बढ़ें।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए -
क. कवि माँ सरस्वती से क्या वरदान चाह रहा है?
उत्तर – कवि माँ सरस्वती से ज्ञान, प्रकाश और नवचेतना का वरदान माँग रहा है। वह चाहता है कि देवी अपने वीणा-स्वर से भारत में नई प्रेरणा, उत्साह और स्वतंत्रता की भावना भर दें।
कवि प्रार्थना करता है कि अंधकार और अज्ञान के बंधनों को काटकर लोगों के हृदय में विवेक और उजाले का प्रवाह हो। वह चाहता है कि देश में नई गति, नई लय और नया जीवन आए, जिससे भारत फिर से विश्व में अपनी गौरवशाली पहचान बना सके।
इस प्रकार कवि माँ सरस्वती से राष्ट्र के आध्यात्मिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक उत्थान का वरदान चाहता है।
ख. कवि प्रकृति की हर वस्तु में नया रूप क्यों देखना चाह रहा है?
उत्तर – कवि चाहता है कि पूरे संसार में नवीनता और सृजनात्मक शक्ति का संचार हो। वह मानता है कि जब प्रकृति की हर वस्तु—आकाश, पवन, जल, पक्षी, बादल, स्वर और लय—सब कुछ नया होगा, तभी जीवन में ऊर्जा और उत्साह आएगा।
कवि नई लय, नई ताल और नए स्वर के माध्यम से जीवन में प्रगति और सृजन का संदेश देना चाहता है।
वह चाहता है कि जैसे प्रकृति हर मौसम में नया रूप धारण करती है, वैसे ही मनुष्य और समाज भी अपने पुराने बन्धनों को तोड़कर नवयुग की ओर अग्रसर हों।
प्रश्न 4. निम्नलिखित पंक्तियों की उचित शब्दों से पूर्ति कीजिए -
(क) कलुष भेद, तम हर प्रकाश भर।
(ख) काट अन्ध उर के बंधन स्तर।
(ग) बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर।
(घ) नव पर, नव स्वर दे।
प्रश्न 5. निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए -
क. काट अन्ध उर के बन्धन स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर।
भाव – कवि माँ सरस्वती से प्रार्थना करता है कि वे अज्ञान और अंधकार से भरे हुए हृदय के बंधनों को तोड़ दें। मनुष्य के भीतर जो जड़ता और नकारात्मकता है, उसे दूर करके ज्ञान और प्रकाश की धारा बहा दें।
कवि चाहता है कि जननी सरस्वती के प्रकाश से मानव जीवन ज्योतिर्मय (प्रकाशमय) बन जाए और समाज में नई चेतना का संचार हो।
ख. नव नभ के नव विहग वृन्द को
नव पर, नव स्वर दे।
भाव – इन पंक्तियों में कवि ने सृष्टि में नई ऊर्जा और नवजीवन का आह्वान किया है। वह चाहता है कि आकाश में उड़ने वाले पक्षियों के समूह को नए पंख और नए स्वर मिलें, जिससे वे नई धुन गा सकें।
इसका भाव यह है कि संसार में नई प्रेरणा, नई लय और नई सृजनात्मक शक्ति का उदय हो, जिससे जीवन में प्रगति और उत्साह बना रहे।
प्रश्न 6. सही विकल्प चुनकर लिखिए -
क. 'नव नभ के नव विहग वृन्द को' पंक्ति में अलंकार है -
(अ) यमक
(आ) अनुप्रास
(इ) श्लेष
उत्तर– (आ) अनुप्रास
ख. 'वर दे' कविता के रचयिता हैं-
(अ) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
(आ) जयशंकर प्रसाद
(इ) गिरधर
उत्तर– (अ) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
ग. विहग वृन्द का आशय है -
(अ) पशुओं का समूह
(आ) मनुष्यों का समूह
(इ) पक्षियों का समूह
उत्तर– (इ) पक्षियों का समूह
भाषा-अध्ययन
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए -
वीणावादिनि, स्वतंत्र, अमृत, ज्योतिर्मय, विहग वृन्द, बन्धन, निर्झर, जननि।
प्रश्न 2. वर दे! पाठ में आए 'र' के विभिन्न रूप (',, और र) वाले शब्द छाँटकर लिखिए।
'र' वाले शब्द
1. वर
2. प्रिय
3. रव
4. अमृत मन्त्र नव
5. निर्झर
6. कलुष
7. हर
8. प्रकाश
9. कर दे
10. मन्द्र रव
11. स्वर
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के नीचे बनी पहेली से दो-दो पर्यायवाची शब्द खोजकर लिखिए-
अमृत, जननि, रात, जग, आकाश, विहग,
जननि - माँ, माता
रात - निशा, रात्रि
जग - संसार, जगत
आकाश - नभ, व्योम
विहग - पक्षी, खग
प्रश्न 4. 'तम हर' 'प्रकाश भर' में एक दूसरे के विपरीत अर्थ वाले शब्द प्रयुक्त हुए हैं। इस प्रकार के पाँच शब्द लिखिए, जिनसे विपरीत अर्थ (विलोम) प्रगट होता है।
शब्द और विलोम शब्द
1. तम प्रकाश
2. अंधकार ज्योति
3. दुःख सुख
4. शीत उष्मा / गर्मी
5. नीचा ऊँचा
"नन्दन वन-सी फूल उठी वह छोटी-सी कुटिया मेरी" इस पंक्ति में 'कुटिया' उपमेय, 'नन्दन वन' उपमान, 'फूल उठी' साधारण धर्म तथा 'सी' वाचक शब्द है।
इस प्रकार उपमा के चार अंग होते हैं- उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक शब्द।
उपमेय: जिस व्यक्ति या वस्तु की किसी अन्य से तुलना की जाती है उसे उपमेय कहा जाता है। यथा कुटिया शब्द उपमेय है क्योंकि कुटिया की तुलना नन्दन वन से की गई है।
उपमान: जिस प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से उपमेय की समानता (तुलना) की जाए उसे उपमान कहा जाता है। यथा नन्दन वन की समानता कुटिया से की गई है। अतः वह उपमान है।
साधारण धर्म: उपमेय और उपमान में पाया जाने वाला समान गुण साधारण धर्म है। जैसे- फूल उठी।
वाचक शब्द: वाचक वे शब्द हैं जो उपमेय और उपमान में पाए जाने वाले गुण की समानता प्रकट करते हैं, यथा 'सी'। इसके अतिरिक्त 'जैसा', 'सम', 'सरिस', 'तुल्य' आदि शब्द समानता बताने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
परिभाषा: जहाँ एक वस्तु की दूसरी वस्तु से समानता या तुलना की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है। दो वस्तुओं में रूप, गुण आदि के आधार पर समानता या तुलना की जाती है।
| उदाहरण | उपमेय | उपमान | साधारण धर्म | वाचक शब्द |
|---|---|---|---|---|
| सीता का मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है। | सीता का मुख | चन्द्रमा | सुन्दर | के समान |
| पीपर पात सरिस मन डोला। | मन | पीपर पात | डोला | सरिस |
| हरिपद कोमल कमल से। | हरिपद | कमल | कोमल | से |
| नन्दन वन-सी फूल उठी वह छोटी-सी कुटिया मेरी। | कुटिया | नन्दन वन | फूल उठी | सी |
योग्यता विस्तार
1. 'वर दे' कविता को कण्ठस्थ कीजिए और विद्यालय में प्रार्थना के समय इसका गायन सामूहिक रूप से कीजिए।
2. इस कविता को पढ़कर आपके मन में जो विचार उत्पन्न हुए हैं, उन्हें अपने साथियों को सुनाइए।
3. इसी प्रकार की अन्य कविताएँ अपने शिक्षक की सहायता से संग्रहीत कीजिए।
टीप - विद्यार्थीगण योग्यता विस्तार में दी गई जानकारी अनुसार कार्य करें, जिससे कि बेहतर समझ विकसित हो सके और दक्षता प्राप्त हो सके।
'वर दे' कविता और निराला पर आधारित 30 महत्वपूर्ण प्रश्न
रचनाकार और कविता पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1. 'वर दे, वीणावादिनि, वर दे' कविता के रचनाकार कौन हैं?
(क) जयशंकर प्रसाद
(ख) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
(ग) सुमित्रानंदन पंत
(घ) महादेवी वर्मा
सही उत्तर : (ख) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
विवरण (Rationale) : यह कविता छायावाद के प्रमुख स्तंभ सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित है।
प्रश्न 2. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' किस काव्यधारा के प्रमुख कवि माने जाते हैं?
(क) प्रगतिवाद
(ख) प्रयोगवाद
(ग) छायावाद
(घ) रीति काल
सही उत्तर : (ग) छायावाद
विवरण (Rationale) : निराला जी को जयशंकर प्रसाद और सुमित्रानंदन पंत के साथ छायावाद के चार स्तंभों में से एक माना जाता है।
प्रश्न 3. 'वर दे' कविता में कवि किससे वरदान माँग रहा है?
(क) भारत माता
(ख) ज्ञान की देवी सरस्वती से
(ग) देवी लक्ष्मी
(घ) माँ दुर्गा
सही उत्तर : (ख) ज्ञान की देवी सरस्वती से
विवरण (Rationale) : कवि 'वीणावादिनि' (सरस्वती) की वन्दना करते हुए नव-निर्माण हेतु वर मांग रहे हैं।
प्रश्न 4. निराला जी का जन्म किस वर्ष हुआ था?
(क) सन् 1900
(ख) सन् 1897
(ग) सन् 1890
(घ) सन् 1905
सही उत्तर : (ख) सन् 1897
विवरण (Rationale) : निराला जी का जन्म सन् 1897 में बंगाल के मेदिनीपुर में हुआ था।
प्रश्न 5. कवि माँ सरस्वती से 'अमृत मन्त्र नव' किसमें भरने की प्रार्थना कर रहे हैं?
(क) ईश्वर में
(ख) अपने हृदय में
(ग) भारत में
(घ) वीणा में
सही उत्तर : (ग) भारत में
विवरण (Rationale) : कवि 'प्रिय स्वतन्त्र रव, अमृत मन्त्र नव भारत में भर दे' की कामना करते हैं।
प्रश्न 6. मुक्त छंद का प्रणेता किस कवि को माना जाता है?
(क) अज्ञेय
(ख) भारतेन्दु हरिश्चंद्र
(ग) सूरदास
(घ) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
सही उत्तर : (घ) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
विवरण (Rationale) : हिंदी कविता को मुक्त छंद (Free Verse) देने का श्रेय निराला जी को है।
प्रश्न 7. कवि माँ सरस्वती से 'नव पर' किसके लिए माँग रहे हैं?
(क) भारत के सैनिकों के लिए
(ख) नए आकाश के लिए
(ग) नए बादलों के लिए
(घ) नव नभ के नव विहग वृन्द (पक्षी समूह) के लिए
सही उत्तर : (घ) नव नभ के नव विहग वृन्द (पक्षी समूह) के लिए
विवरण (Rationale) : 'नव पर, नव स्वर दे' में कवि पक्षियों के माध्यम से देश के नवयुवकों में नए उत्साह की कामना करते हैं।
प्रश्न 8. कवि निराला ने अपनी रचनाओं में किन प्रमुख भावों के स्वर व्यक्त किए हैं?
(क) वीरता और हास्य
(ख) करुणा और निराशा
(ग) शृंगार और वीभत्स
(घ) प्रेम, सौन्दर्य, उल्लास, ओज और भक्ति
सही उत्तर : (घ) प्रेम, सौन्दर्य, उल्लास, ओज और भक्ति
विवरण (Rationale) : निराला जी की कविताओं में इन सभी भावों का समन्वय मिलता है।
प्रश्न 9. निराला जी का कार्य क्षेत्र प्रमुख रूप से कौन सा राज्य रहा है?
(क) बंगाल
(ख) बिहार
(ग) मध्य प्रदेश
(घ) उत्तरप्रदेश
सही उत्तर : (घ) उत्तरप्रदेश
विवरण (Rationale) : उनके पिता उन्नाव जिले, उत्तर प्रदेश के थे, और उनका प्रमुख कार्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश ही रहा।
प्रश्न 10. 'कलुष भेद, तम हर, प्रकाश भर' पंक्ति में कवि किस 'तम' को हरने की बात कर रहा है?
(क) रात का अँधेरा
(ख) अज्ञान और जड़ता का अंधकार
(ग) गरीबी का अंधकार
(घ) जीवन के दुःख
सही उत्तर : (ख) अज्ञान और जड़ता का अंधकार
विवरण (Rationale) : यहाँ 'तम' अज्ञान और पाप का प्रतीक है, जिसे ज्ञान के 'प्रकाश' से मिटाने की प्रार्थना की गई है।
व्याकरण पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 11. 'नव नभ के नव विहग वृन्द को, नव पर, नव स्वर दे' पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
(क) उपमा अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
सही उत्तर : (घ) अनुप्रास अलंकार
विवरण (Rationale) : 'न' और 'व' वर्णों की बार-बार आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है।
प्रश्न 12. 'वर दे' कविता में 'ज्योतिर्मय निर्झर' बहाने का क्या तात्पर्य है?
(क) बिजली का प्रवाह
(ख) ज्ञान और विवेक की धारा
(ग) स्वर्ण (सोने) की नदी
(घ) जल का झरना
सही उत्तर : (ख) ज्ञान और विवेक की धारा
विवरण (Rationale) : 'ज्योतिर्मय निर्झर' ज्ञान और सत्य के प्रकाश की धारा का लाक्षणिक अर्थ है।
प्रश्न 13. 'तम' शब्द का सही विलोम शब्द क्या है, जैसा कि कविता में प्रयुक्त है?
(क) दुःख
(ख) अंधकार
(ग) प्रकाश
(घ) रात
सही उत्तर : (ग) प्रकाश
विवरण (Rationale) : कविता की पंक्ति 'तम हर, प्रकाश भर' इस विपरीत भाव को स्पष्ट करती है।
प्रश्न 14. 'नव गति, नव लय, ताल-छन्द नव' पंक्ति में 'नव' शब्द की आवृत्ति से कवि किस भाव को व्यक्त करना चाहते हैं?
(क) स्थिरता
(ख) पुनरावृत्ति
(ग) सृजन और नवीनता
(घ) दुःख
सही उत्तर : (ग) सृजन और नवीनता
विवरण (Rationale) : 'नव' शब्द का बार-बार प्रयोग हर क्षेत्र में नएपन और उत्साह के संचार पर बल देता है।
प्रश्न 15. कविता में 'रव' शब्द का क्या अर्थ है?
(क) सूर्य
(ख) आवाज़ या स्वर
(ग) तेज
(घ) अमृत
सही उत्तर : (ख) आवाज़ या स्वर
विवरण (Rationale) : 'प्रिय स्वतन्त्र रव' का अर्थ प्रिय स्वतंत्र आवाज़ या स्वर है।
प्रश्न 16. 'कलुष' शब्द का पर्यायवाची शब्द क्या है?
(क) पवित्रता
(ख) प्रकाश
(ग) पाप, मैल या अशुद्धि
(घ) सुन्दरता
सही उत्तर : (ग) पाप, मैल या अशुद्धि
विवरण (Rationale) : 'कलुष भेद' का अर्थ पाप या अशुद्धि को दूर करना है।
प्रश्न 17. 'जगमग जग कर दे' पंक्ति में 'जग' शब्द का क्या अर्थ है?
(क) जागना
(ख) दुनिया या संसार
(ग) ज्योति
(घ) युद्ध
सही उत्तर : (ख) दुनिया या संसार
विवरण (Rationale) : 'जग' (संसार) को ज्ञान और प्रकाश से आलोकित करने की कामना की गई है।
प्रश्न 18. निम्नलिखित में से कौन सा शब्द समूह 'जलद' का पर्यायवाची है?
(क) जल, पानी, नीर
(ख) कमल, पंकज, सरोज
(ग) पवन, वायु, हवा
(घ) मेघ, बादल, घन
सही उत्तर : (घ) मेघ, बादल, घन
विवरण (Rationale) : 'जलद' का अर्थ 'जल देने वाला' (बादल) होता है।
प्रश्न 19. 'अंध उर' का समास विग्रह क्या होगा?
(क) अंधा है जो उर
(ख) अंधा और उर
(ग) अंधे के लिए उर
(घ) उर का अंधा
सही उत्तर : (क) अंधा है जो उर
विवरण (Rationale) : यह कर्मधारय समास है, जहाँ 'अंध' (अज्ञान से भरा) विशेषण 'उर' (हृदय) की विशेषता बता रहा है।
प्रश्न 20. 'विहग वृन्द' शब्द से क्या आशय है?
(क) फूलों का गुच्छा
(ख) पक्षियों का समूह
(ग) बादलों की माला
(घ) गायकों की टोली
सही उत्तर : (ख) पक्षियों का समूह
विवरण (Rationale) : 'विहग' का अर्थ पक्षी और 'वृन्द' का अर्थ समूह होता है।
प्रश्न 21. यदि 'स्वतंत्र' का विलोम 'परतंत्र' है, तो 'अमृत' का विलोम क्या होगा?
(क) पीयूष
(ख) जीवन
(ग) विष
(घ) नूतन
सही उत्तर : (ग) विष
विवरण (Rationale) : अमृत का विपरीत प्रभाव विष (जहर) होता है।
प्रश्न 22. 'उर' शब्द का पर्यायवाची क्या है?
(क) कमल
(ख) हृदय या मन
(ग) पैर
(घ) आँख
सही उत्तर : (ख) हृदय या मन
विवरण (Rationale) : कविता में 'उर' का प्रयोग हृदय के लिए किया गया है।
प्रश्न 23. 'मन्द्र रव' शब्द का आशय क्या है?
(क) तेज आवाज
(ख) वीणा का तार
(ग) गम्भीर और धीमी गूँजती हुई ध्वनि
(घ) बादल का हल्कापन
सही उत्तर : (ग) गम्भीर और धीमी गूँजती हुई ध्वनि
विवरण (Rationale) : संगीत में 'मन्द्र' का अर्थ गंभीर और धीमी होता है।
प्रश्न 24. 'नव नभ' शब्द में कौन सा समास है?
(क) द्विगु समास
(ख) कर्मधारय समास
(ग) अव्ययीभाव समास
(घ) द्वंद्व समास
सही उत्तर : (ख) कर्मधारय समास
विवरण (Rationale) : 'नव' (नया) विशेषण और 'नभ' (आकाश) विशेष्य होने के कारण यह कर्मधारय समास है।
प्रश्न 25. 'पीपर पात सरिस मन डोला' पंक्ति में उपमा अलंकार का कौन सा अंग 'सरिस' शब्द से प्रकट होता है?
(क) उपमेय
(ख) उपमान
(ग) वाचक शब्द
(घ) साधारण धर्म
सही उत्तर : (ग) वाचक शब्द
विवरण (Rationale) : 'सरिस' (समान) वह शब्द है जो उपमेय और उपमान में समानता प्रकट करता है।
प्रश्न 26. हिंदी में उपमा अलंकार के कितने अंग माने जाते हैं?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
सही उत्तर : (ग) चार
विवरण (Rationale) : उपमा के चार अंग हैं: उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक शब्द।
प्रश्न 27. निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम (संस्कृत मूल) नहीं है?
(क) जननि
(ख) निर्झर
(ग) कंठ
(घ) माँ
सही उत्तर : (घ) माँ
विवरण (Rationale) : 'माँ' एक तद्भव शब्द है, जिसका तत्सम रूप 'माता' या 'जननी' होता है।
प्रश्न 28. 'काट अन्ध उर के बन्धन स्तर' में कवि किस प्रकार के बन्धनों को काटने की बात कर रहा है?
(क) सामाजिक बन्धन
(ख) शारीरिक बन्धन
(ग) अज्ञान, रूढ़िवादिता और अंधविश्वास के बन्धन
(घ) आर्थिक बन्धन
सही उत्तर : (ग) अज्ञान, रूढ़िवादिता और अंधविश्वास के बन्धन
विवरण (Rationale) : 'अन्ध उर' का अर्थ अज्ञान से भरा हृदय है, इसलिए बन्धन अज्ञान और रूढ़ियों से संबंधित हैं।
प्रश्न 29. 'ज्योतिर्मय' शब्द का अर्थ क्या है?
(क) जल से भरा हुआ
(ख) ध्वनि से भरा हुआ
(ग) प्रकाश से भरा हुआ
(घ) गति से भरा हुआ
सही उत्तर : (ग) प्रकाश से भरा हुआ
विवरण (Rationale) : 'ज्योति' का अर्थ प्रकाश होता है।
प्रश्न 30. 'वर दे' कविता में 'भारत में भर दे' की कामना में कवि किस भावना को प्रकट करता है?
(क) त्याग की भावना
(ख) भौतिक सुख की भावना
(ग) राष्ट्र-प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना
(घ) धन प्राप्ति की भावना
सही उत्तर : (ग) राष्ट्र-प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना
विवरण (Rationale) : कवि सरस्वती से राष्ट्र के नवजागरण और स्वतंत्रता की कामना करते हैं।
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