फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (FLN) : मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान का महत्व
1. FLN क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
FLN का मतलब है फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी, यानी बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान।
- साक्षरता (Literacy): इसका मतलब है पढ़ने, लिखने और समझने की बुनियादी क्षमता।
- संख्याज्ञान (Numeracy): इसका मतलब है बुनियादी गणितीय अवधारणाओं (जैसे गिनती, जोड़ना-घटाना, आकार, माप) को समझना और उनका उपयोग करना।
महत्व: शोध बताते हैं कि शुरुआती बचपन (जन्म से 8 साल) में बच्चों का दिमाग बहुत तेज़ी से विकसित होता है। इस समय सीखी गई बुनियादी बातें ही उनके भविष्य की पढ़ाई और सफलता की नींव होती हैं। अगर यह नींव मजबूत नहीं हुई, तो बच्चे आगे की कक्षाओं में पिछड़ सकते हैं।
2. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में FLN
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने भारत की स्कूली शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है और FLN को सबसे ऊँची प्राथमिकता दी है।
- लक्ष्य: नीति का सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि 2026-27 तक देश के सभी बच्चे मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान सफलतापूर्वक हासिल कर लें।
- नीति का तर्क: NEP 2020 बच्चों के लिए तभी काम कर पाएगी जब वे सही उम्र में पढ़ने, लिखने और बुनियादी गणित में सक्षम हो जाएँगे।
3. स्कूली शिक्षा की नई संरचना
NEP 2020 ने बच्चों के सीखने की अवस्था के आधार पर स्कूली शिक्षा को चार हिस्सों में बाँटा है:
| चरण (Stage) | कक्षा स्तर | उम्र समूह | मुख्य फोकस |
| बुनियादी स्तर (Foundational) | नर्सरी से कक्षा 2 | 3 से 8 साल | खेल-आधारित शिक्षा, भाषा, संख्याज्ञान की नींव |
| प्रीपरेटरी स्तर (Preparatory) | कक्षा 3 से 5 | 8 से 11 साल | पढ़ना, लिखना, बोलना, बुनियादी विज्ञान और गणित |
| मिडिल स्तर (Middle) | कक्षा 6 से 8 | 11 से 14 साल | विषयों को विस्तार से पढ़ाना (गणित, विज्ञान, कला, मानविकी) |
| सेकेंडरी स्तर (Secondary) | कक्षा 9 से 12 | 14 से 18 साल | गहन अध्ययन, विषय चुनने की आजादी |
4. बुनियादी स्तर (नर्सरी से कक्षा 2) पर सीखना
यह चरण खेल-खेल में सीखने पर ज़ोर देता है:
- सीखने का तरीका: बच्चे अनौपचारिक (Informal) माहौल में ज़्यादा सीखते हैं। वे सुनकर, देखकर, खेलकर (ठोस वस्तुओं/खिलौनों से), और नकल करके अपनी समझ विकसित करते हैं।
- रोज़मर्रा की समझ: वे अपने घर और आस-पास की चीजों (जैसे पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, फल-सब्जी, कपड़े, टीवी, मोबाइल, साइकिल) के नाम और उपयोग से परिचित होते हैं।
- बुनियादी क्षमताएं: इसी चरण में पढ़ने (वाचन), मौखिक अभिव्यक्ति (बोलने), और लिखने जैसी बुनियादी साक्षरता क्षमताओं की मजबूत नींव रखी जाती है।
5. कक्षा 1 और 2 पर विशेष ध्यान (गणितीय समझ)
कक्षा 1 और 2 में गणित की समझ को विशेष रूप से मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया है, ताकि बच्चे ऊँची कक्षाओं के लिए तैयार हो सकें।
- विकासशील क्षमताएँ: बच्चे अपने दोस्तों के साथ खेल-खेल में सीखते हैं, खोज करते हैं, प्रयोग करते हैं, चीजों को देखते हैं (अवलोकन), उनका विश्लेषण करते हैं, निष्कर्ष निकालते हैं, और उनका मूल्यांकन करना सीखते हैं।
6. शिक्षकों के लिए पाठ योजनाएँ
शिक्षकों को सही तरीके से पढ़ाने में मदद करने के लिए:
- आनंदमय गणित पाठ्यपुस्तक: कक्षा 1 और 2 के लिए इस पुस्तक के आधार पर 30 सप्ताह की दैनिक पाठयोजनाएँ तैयार की गई हैं।
- पाठयोजना की सामग्री: प्रत्येक योजना में अवधारणा का परिचय, क्षमताओं का विकास, समझ की जाँच, अभ्यास, शैक्षिक खेल और पहेलियों को शामिल किया गया है।
- वास्तविक जीवन से जुड़ाव: बच्चों को मौका दिया जाता है कि वे जो ज्ञान कक्षा में सीख रहे हैं, उसे वास्तविक जीवन की अलग-अलग स्थितियों में लागू कर सकें।
यह गाइडलाइन शिक्षकों को हर दिन पढ़ाने के दौरान बहुत उपयोगी साबित होगी।
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