टीप - प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए 15 प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
आइए सीखें — कविता का हाव-भाव एवं लय के साथ वाचन।
कविता के भाव ग्रहण करना।
कविता को कण्ठस्थ करना।
समानार्थी एवं विलोम शब्दों की समझ।
कविता - प्रार्थना
आँख खोलकर सुबह-सुबह मैं मन में कहता हूँ,
प्रभु तेरा उपकार कि मैं भारत में रहता हूँ।
मेरी मातृभूमि है भारत, मैं भारत के योग्य बनूँ.
मातृभूमि की प्रकृति, पुरुष, पशु सबको अपना सगा गिनूॅं।
इनका दुख अपना दुख मानूॅं इनके सुख को सुख अपना,
प्रभु ऐसा बल दो कि कर सकूँ पूरा बापू का सपना।
भारत के जल, पवन, अन्न, माटी में पलता हूँ,
प्रभु तेरा उपकार कि मैं भारत में रहता हूँ।
नीचे 👇जानकारी से संबंधित चित्र का अवलोकन करें।
पहला पद्य
आँख खोलकर सुबह-सुबह मैं मन में कहता हूँ,
प्रभु तेरा उपकार कि मैं भारत में रहता हूँ।
मेरी मातृभूमि है भारत, मैं भारत के योग्य बनूँ.
मातृभूमि की प्रकृति, पुरुष, पशु सबको अपना सगा गिनूॅं।
संदर्भ — यह पद्य हमारी पाठ्यपुस्तक 'भाषा भारती' के पाठ 1 'प्रार्थना' से लिया गया है। इसके रचयिता (कवि) श्री भवानी प्रसाद मिश्र जी हैं। इस कविता में कवि ने ईश्वर से भारत देश के प्रति कर्तव्य निभाने और प्रेम करने का आशीर्वाद माँगा है।
प्रसंग — इन पंक्तियों में, बच्चा सुबह उठकर सबसे पहले ईश्वर का धन्यवाद करता है कि उसे भारत जैसी महान भूमि पर जन्म मिला। वह यह प्रतिज्ञा करता है कि वह इस देश के सभी लोगों, प्रकृति और यहाँ तक कि पशुओं को भी अपना परिवार मानेगा।
भावार्थ— बच्चा कहता है कि जब वह सुबह आँखें खोलता है, तो सबसे पहले ईश्वर का धन्यवाद करता है। वह इसलिए खुश है क्योंकि वह दुनिया के सबसे अच्छे देश, भारत में रहता है। वह भगवान से प्रार्थना करता है कि वह इतना अच्छा बने कि सच्चा भारतीय कहला सके। वह संकल्प लेता है कि वह भारत देश की हर चीज़ से, जैसे कि यहाँ के पेड़-पौधे, यहाँ के लोगों और यहाँ के जानवरों से भी अपने परिवार के सदस्यों जैसा प्यार करेगा।
दूसरा पद्य
इनका दुख अपना दुख मानूॅं इनके सुख को सुख अपना,
प्रभु ऐसा बल दो कि कर सकूँ पूरा बापू का सपना।
भारत के जल, पवन, अन्न, माटी में पलता हूँ,
प्रभु तेरा उपकार कि मैं भारत में रहता हूँ।
संदर्भ— यह पद्य भी श्री भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित हमारी पाठ्यपुस्तक 'भाषा भारती' के पाठ 1 'प्रार्थना' का ही भाग है। इसमें बच्चे ने देश की भलाई के लिए शक्ति और प्रेरणा की कामना की है।
प्रसंग— इस भाग में बच्चा ईश्वर से देशप्रेम की भावना और सहानुभूति का बल माँग रहा है। वह प्रार्थना करता है कि उसे इतनी ताकत मिले कि वह महात्मा गांधी जी (बापू) के देश को खुशहाल और एकता से भरा देखने के सपने को पूरा करने में मदद कर सके।
भावार्थ— बच्चा ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे इतनी शक्ति दें कि वह देश के किसी भी नागरिक के दुख को अपना दुख माने और उनकी खुशी में खुश हो सके। वह चाहता है कि वह इतना मजबूत बने कि महात्मा गांधी जी (बापू) ने भारत को जैसा देखना चाहा था, उस सपने को पूरा करने में अपना योगदान दे सके। अंत में, वह फिर से दोहराता है कि वह भारत की मिट्टी, पानी और हवा में पल-बढ़ रहा है, इसलिए वह हमेशा इस देश में रहने के लिए ईश्वर का आभार मानता है।
कवि परिचय: भवानीप्रसाद मिश्र
भवानी प्रसाद मिश्र मध्यप्रदेश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। इनका जन्म सन् 1914 ई. में हुआ। बी.ए. तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह 'कल्पना' पत्रिका के सम्पादक हो गये। उन्होंने 'आकाशवाणी' में भी कार्य किया। मिश्र जी का निधन सन् 1985 ई. में हो गया।
शिक्षण संकेत — कविता का शुद्ध उच्चारण, लय एवं ताल के साथ आदर्श वाचन करें और बच्चों से भी करवाएँ। कविता के मुख्य भाव को सरल बातचीत के रूप में समझाएँ। प्रार्थना का महत्व बताते हुए उन्हें प्रतिदिन प्रार्थना करने हेतु प्रेरित करें।
शब्दार्थ
बोध प्रश्न
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए—
1. इस कविता में कवि किसका उपकार मान रहा है?
उत्तर — कवि ईश्वर (प्रभु) का उपकार मान रहा है, क्योंकि उन्होंने उसे भारत देश में रहने का अवसर दिया है।
2. कवि किसके योग्य बनना चाहता है?
उत्तर — कवि अपनी मातृभूमि भारत के योग्य बनना चाहता है।
3. कवि किन-किन को अपना सगा मानना चाहता है?
उत्तर — कवि मातृभूमि की प्रकृति, पुरुष (लोग), और पशु (जानवर) सबको अपना सगा (परिवार के सदस्य जैसा) मानना चाहता है।
4. कवि किसके सपनों को पूरा करना चाहता है?
उत्तर — कवि बापू (महात्मा गाँधी) के सपनों को पूरा करना चाहता है।
2. खाली स्थान भरिए—
1. प्रभु तेरा उपकार कि मैं भारत में रहता हूँ।
2. मातृभूमि की प्रकृति, पुरुष, पशु सबको अपना सगा गिनूँ।
3. भारत के जल पवन अन्न माटी में पलता हूँ।
3. निम्नलिखित पंक्तियों के भाव लिखिए—
1. इनका दुख अपना दुख मानूँ इनके सुख को सुख अपना।
भाव : इस पंक्ति का मतलब है कि बच्चा देश के सभी लोगों के साथ गहरा लगाव रखना चाहता है। वह प्रार्थना करता है कि उसे ऐसी भावना मिले कि वह दूसरों के दुख को देखकर दुखी हो, और जब लोग खुश हों तो उनकी खुशी में वह भी शामिल हो जाए। यह पंक्ति आपसी प्रेम, सहानुभूति (sympathy) और एकता का भाव सिखाती है।
2. मेरी मातृभूमि है भारत, मैं भारत के योग्य बनूँ।
भाव : बच्चा कहता है कि भारत ही उसकी माँ के समान भूमि है। वह केवल इस देश में रहना ही नहीं चाहता, बल्कि वह चाहता है कि वह इतना अच्छा इंसान बने, इतने अच्छे काम करे कि वह सच्चे अर्थों में भारत का नागरिक कहलाने के योग्य हो जाए। यानी, वह देश के लिए कुछ अच्छा करना चाहता है।
भाषा अध्ययन
1. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य प्रयोग कीजिए—
| शब्द | वाक्य प्रयोग |
|---|---|
| (क) उपकार | हमें उन लोगों का उपकार नहीं भूलना चाहिए जो हमारी मदद करते हैं। |
| (ख) सपना | हमारा सपना है कि हम अपने देश को सबसे आगे बढ़ाएँ। |
| (ग) मातृभूमि | हमें अपनी मातृभूमि भारत का सम्मान करना चाहिए। |
| (घ) पवन | सुबह की ठंडी पवन मन को शांति देती है। |
| (ङ) माटी | भारतीय किसान इस देश की माटी में सोना उगाते हैं। |
2. समान अर्थ वाले शब्दों की जोड़ी बनाइए—
| शब्द | समानार्थी (Synonym) |
|---|---|
| आँख | नयन |
| प्रभु | ईश्वर |
| पवन | वायु |
| सुबह | प्रातः |
| जल | पानी |
3. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द छाँटकर लिखिए—
| उपलब्ध विलोम शब्द: दुःख अयोग्य पराया शाम | |
|---|---|
| शब्द | विलोम शब्द |
| अपना | पराया |
| सुख | दुःख |
| सुबह | शाम |
| योग्य | अयोग्य |
योग्यता विस्तार
♦ मातृभूमि का महत्व बताने वाली अन्य कविताओं को ढूंढकर कक्षा में सुनाइए।
इस कार्य को करने के लिए आप नीचे दी गई किसी भी प्रसिद्ध कविता को याद करके अपनी कक्षा में सुना सकते हैं, क्योंकि ये सभी हमारी मातृभूमि भारत का महत्व बताती हैं :—
1. "भारत माता" (सुमित्रानंदन पंत)
2. "जय जय हे भारत माता" (मैथिलीशरण गुप्त)
3. "हिंद देश के निवासी" (विभिन्नता में एकता पर आधारित)
4. "सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा" (अल्लामा इक़बाल)
सुझाव : आप कविता को पढ़ते समय हाथों से हाव-भाव (body language) का प्रयोग करें ताकि बच्चों को सुनने में और आनंद आए।
♦ इस कविता को प्रार्थना के समय सामूहिक रूप से गाइए।
आपकी पाठ्यपुस्तक की कविता "प्रार्थना" को सामूहिक रूप से गाने के लिए, आप नीचे दिए गए सरल तरीके का उपयोग कर सकते हैं :—
धुन (Tune) का चयन : एक सरल और मधुर प्रार्थना वाली धुन चुनें (जैसे, "दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना" की धुन)।
अभ्यास (Practice) : कविता को अपनी कक्षा के सभी साथियों के साथ मिलकर लय (Rhythm) और ताल (Beat) में गाने का अभ्यास करें।
सामूहिक गायन : इसे विद्यालय की प्रार्थना सभा में या कक्षा की शुरुआत में एक साथ मिलकर गाएँ।
सुझाव: गाते समय सभी छात्र सीधे खड़े रहें और लय में एक साथ गाएँ, इससे एकता का भाव आता है।
"प्रार्थना सोई हुई शक्ति को सहज जगा देती है।"
विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु 15 वैकल्पिक प्रश्न
पाठ 1 'प्रार्थना' पर आधारित वैकल्पिक प्रश्न (MCQs)
1. 'प्रार्थना' कविता के रचयिता (कवि) कौन हैं?
उत्तर: (ख)
2. कवि ईश्वर से किसका उपकार मान रहा है?
उत्तर: (ख)
3. 'दुख' शब्द का विलोम शब्द क्या है?
उत्तर: (ग)
4. कवि किन-किन को अपना 'सगा' गिनना चाहता है?
उत्तर: (ख)
5. 'पवन' शब्द का समानार्थी शब्द क्या है?
उत्तर: (ख)
6. कविता में किसका सपना पूरा करने की बात की गई है?
उत्तर: (ख)
7. 'भारत' शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है?
उत्तर: (ग)
8. 'माटी' शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: (ख)
9. कवि किस चीज में पलने की बात करता है?
उत्तर: (ख)
10. 'मातृभूमि' शब्द में कौन सा समास है?
उत्तर: (ख)
11. बालक सुबह आंख खोलकर मन में क्या कहता है?
उत्तर: (ख)
12. 'योग्य' शब्द का विलोम शब्द क्या है?
उत्तर: (ख)
13. 'उपकार' शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: (ख)
14. 'सपना' शब्द का बहुवचन क्या होगा?
उत्तर: (ग)
15. 'बल' शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: (ग)
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