🌸 माता शैलपुत्री की पूजा से प्राप्त होने वाले फल

🪔🔔🔱 माता शैलपुत्री (नवरात्रि के पहले दिन की अधिष्ठात्री देवी) की पूजा का विशेष महत्व है। उनकी उपासना से साधक को अनेक प्रकार के आध्यात्मिक और सांसारिक फल प्राप्त होते हैं। उत्तम सुख भोग के साथ वह जीवन यात्रा को सफल करता है। संक्षेप में देखें —


🧘 1. आध्यात्मिक उन्नति – साधक के भीतर शुद्धता, सात्त्विकता और स्थिरता आती है। यह योग की प्रथम अवस्था है, जिससे आत्मिक उन्नति, मानसिक शांति और विचारों की शुद्धता प्राप्त होती है।


💪 2. दृढ़ निश्चय और धैर्य – माता शैलपुत्री की कृपा से भक्त को पर्वत समान साहस और संकल्प शक्ति मिलती है। शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर लोग विशेष शक्ति प्राप्त करते हैं।


✌️ 3. इच्छाओं की पूर्ति – भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए माता की आराधना करते हैं। सच्चे मन की प्रार्थना अवश्य पूरी होती है।


👪 4. पारिवारिक सुख-समृद्धि – माता शैलपुत्री गृहस्थ जीवन की देवी हैं। उनकी पूजा से दांपत्य जीवन में सौहार्द, परिवार में शांति और समृद्धि आती है।


🔱 5. आत्मबल और मनोबल – पूजा से आत्मविश्वास, धैर्य और मानसिक स्थिरता आती है। आरोग्य, शक्ति और निर्भयता प्राप्त होती है। माता का त्रिशूल और वृषभ वाहन साहस व स्थिरता के प्रतीक हैं।


💰 6. सुख-समृद्धि और मोक्ष – भक्ति से लौकिक सुख-सुविधाएँ और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।


🌕 7. चंद्र दोष का निवारण – माता शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष दूर होता है और मानसिक संतुलन सुधरता है।


👉 सरल शब्दों में: माता शैलपुत्री की पूजा से जीवन में स्थिरता, शक्ति, धैर्य, पारिवारिक सुख और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।