अर्द्धवार्षिक परीक्षा सत्र 2025-26
कक्षा - 8 वीं समय - 2:30 घंटे (10:00 से 12:30)
विषय - भाषा भारती (हिन्दी) पूर्णांक - 60
नोट - सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (प्रश्न 1 - 5)
निर्देश― प्रत्येक प्रश्न के 4 विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है। (कुल 5 अंक)
प्रश्न - 1. 'वर दे' कविता में कवि कैसा 'निर्झर' बहाने की बात कहता है?
(A) शांत निर्झर
(B) ज्ञान का निर्झर
(C) ज्योतिर्मय निर्झर
(D) मधुर निर्झर
उत्तर : (C) ज्योतिर्मय निर्झर
प्रश्न - 2. आत्मविश्वास पाठ में किस व्यक्ति ने चलते हुए बिजली के पंखे की पंखुड़ियाँ गिनने का बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर दिया था?
(A) स्वामी विवेकानन्द
(B) सरदार वल्लभ भाई पटेल
(C) सुभाषचंद्र बोस
(D) भगत सिंह
उत्तर : (C) सुभाषचंद्र बोस
प्रश्न - 3. संगीत सम्राट तानसेन का बचपन का नाम क्या था?
(A) महेश दास
(B) रामतनु पांडे
(C) बैजू बावरा
(D) सिद्राम
उत्तर : (B) रामतनु पांडे
प्रश्न - 4. डॉ. चन्द्रा ने एम.एस-सी. की परीक्षा में किस श्रेणी में उत्तीर्णता प्राप्त की थी?
(A) द्वितीय श्रेणी
(B) तृतीय श्रेणी
(C) प्रथम श्रेणी
(D) योग्यता श्रेणी
उत्तर : (C) प्रथम श्रेणी
प्रश्न - 5. मीराबाई ने कौन सा धन पाया है?
(A) सोने का धन
(B) संसार का धन
(C) राम रतन धन
(D) भौतिक धन
उत्तर : (C) राम रतन धन
रिक्त स्थान (प्रश्न 6-10)
निर्देश― नीचे दिए गए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है। (कुल 5 अंक)
प्रश्न - 6. आत्मविश्वास की कमी का सबसे बड़ा कारण संशय है।
प्रश्न - 7. तानसेन ने अपनी साधना से दीपक राग गाकर दीप जलाए थे।
प्रश्न - 8. पोलियो के कारण डॉ. चन्द्रा का शरीर गरदन के नीचे निर्जीव हो गया था।
प्रश्न - 9. मुफ्तानंद जी पैसा खर्च करके समाचार पत्र पढ़ना पाप समझते थे।
प्रश्न - 10. तुलसीदास जी के पद में उन्होंने अपना संबंध प्रभु से दाँत-जीभ जैसा बताया है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रश्न 11-16)
निर्देश― नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 2 अंक निर्धारित हैं। (कुल 12 अंक)
प्रश्न - 11. कवि वीणावादिनि से किन दो चीजों को 'नव' करके भारत में भर देने को कहता है?
उत्तर :– कवि वीणावादिनि से 'प्रिय स्वतन्त्र रव' और 'अमृत मन्त्र नव' को भारत में भर देने को कहता है।
प्रश्न - 12. लेखक ने आत्मविश्वास पाठ में किस व्यक्ति का उदाहरण दिया है जिसने केवल हाथ खोकर ही हथियार डाल दिए थे?
उत्तर :– लेखक ने उस युवक का उदाहरण दिया है जो आई.सी.एस. की परीक्षा देने इलाहाबाद गया था और लौटते समय चलती ट्रेन में चढ़ने के प्रयास में गिरा और पहिए के नीचे हाथ पड़ गया। उसने उसी विच्छिन्न भुजा के साथ मानसिक सन्तुलन भी खो दिया।
प्रश्न - 13. 'मध्यप्रदेश की संगीत विरासत' पाठ के अनुसार संगीत की आराधना, साधना और प्रार्थना ने संगीत को क्या बनाया है?
उत्तर :– संगीत की आराधना, साधना और प्रार्थना ने संगीत को संजीवनी बनाया है।
प्रश्न - 14. डॉ. चन्द्रा की माँ उन्हें किस प्रकार सहायता करती थीं जब वह कॉलेज में पढ़ती थीं?
उत्तर :– डॉ. चन्द्रा की माँ उनकी व्हीलचेयर को धकेलकर कक्षा में ले जाती थीं और कक्षा के भीतर हर पीरिएड-दर-पीरिएड उन्हें कुर्सी के पीछे से उठाकर खड़ी रहती थीं।
प्रश्न - 15. रैदास ने स्वयं को दीपक की बाती क्यों कहा है?
उत्तर :– रैदास ने स्वयं को दीपक की बाती कहा है, क्योंकि जिस प्रकार दीपक की बाती दिन-रात जलती रहती है, उसी प्रकार कवि रैदास भी अपने प्रभु के प्रेम में दिन-रात जलकर एकाकार हो जाना चाहते हैं।
प्रश्न - 16. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए: तम, जग
उत्तर :– तम का पर्यायवाची शब्द है अंधकार। जग का पर्यायवाची शब्द है संसार।
लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रश्न 17-22)
निर्देश― नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 3 अंक निर्धारित हैं। (कुल 18 अंक)
प्रश्न - 17. 'वर दे' कविता के माध्यम से कवि निराला देशवासियों के हृदय में क्या-क्या परिवर्तन लाना चाहते हैं?
उत्तर :– कवि निराला देशवासियों के हृदय में निम्नलिखित परिवर्तन लाना चाहते हैं।
प्रश्न - 18. आत्मविश्वास पाठ के अनुसार भय का सामना किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर :– भय का सामना आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति से किया जा सकता है।
प्रश्न - 19. सुग्रीव ने राम से अपनी कौन सी तीन व्यथाएँ बताईं?
उत्तर :– सुग्रीव ने राम से अपनी ये तीन प्रमुख व्यथाएँ बताईं:
प्रश्न - 20. मुफ्तानंद जी मुफ्त की चीजें हासिल करने के लिए किस तरह के बहाने बनाते थे?
उत्तर :– मुफ्तानंद जी मुफ्त की चीजें हासिल करने के लिए कई बहाने बनाते थे।
प्रश्न - 21. लता मंगेशकर ने अपनी संगीत साधना में क्या नियम बनाए थे जिनका उल्लेख पाठ में किया गया है?
उत्तर :– लता मंगेशकर ने अपनी संगीत साधना में ये नियम बनाए थे:
प्रश्न - 22. तुलसीदास अपने एक पद में स्वयं को 'काग', 'मृग', 'व्याध' और 'पाषाण' से किस प्रकार दीन-हीन मानते हैं?
उत्तर :– तुलसीदास कहते हैं कि हे प्रभु, मैंने काग, मृग, व्याध (शिकारी), पाषाण (पत्थर), विटप (पेड़), जड़ (मूर्ख), यवन और किरात (भील/जंगली) जैसे अधमों का भी उद्धार होते देखा है। ये सभी प्रभु की कृपा से तर गए। लेकिन इन सभी से भी अधिक दीन और पतित मैं हूँ। इसलिए मैं इन सभी के मुकाबले अपने आपको दीन-हीन और पतित मानकर प्रभु के चरणों में अपनी हार स्वीकार करता हूँ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (प्रश्न 23 - 26)
निर्देश― नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित हैं। (कुल 20 अंक)
प्रश्न - 23. निम्नलिखित पर निबंध लिखिए: 'पुस्तकों का महत्व' पुस्तकों का महत्व अनमोल है। हमें नियमित रूप से पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। वे हमें एक बेहतर नागरिक बनने और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती हैं।
उत्तर :–
पुस्तकों का महत्व
पुस्तकें मानव जीवन के लिए ज्ञान का भंडार और सच्चे मित्र हैं। पुस्तकें हमें न केवल शिक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि हमारा मार्गदर्शन भी करती हैं। वे ज्ञान, इतिहास, विज्ञान और कला के अनुभवों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने का सबसे सशक्त माध्यम हैं।
ज्ञान का स्रोत
पुस्तकें ज्ञान का अक्षय स्रोत होती हैं। महान विचारकों, वैज्ञानिकों और लेखकों के विचार पुस्तकों में ही सुरक्षित रहते हैं। एक अच्छी पुस्तक पढ़कर हम उनकी सदियों की तपस्या का लाभ कुछ ही घंटों में उठा सकते हैं। पुस्तकें हमारे बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
सच्चे मित्र
पुस्तकों को मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र कहा गया है। ये चुपचाप बिना किसी स्वार्थ के हमें ज्ञान देती हैं और हमारा मनोरंजन करती हैं। जब हम अकेले होते हैं, तब ये हमें अकेलापन महसूस नहीं होने देतीं। वे हमारी जिज्ञासा को शांत करती हैं और हमारे विचारों को सही दिशा देती हैं।
संस्कृति का संरक्षण
पुस्तकें किसी भी देश की संस्कृति, सभ्यता और इतिहास को सुरक्षित रखती हैं। वेद, पुराण, इतिहास की किताबें और साहित्य ही हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं। इनके माध्यम से ही नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के अनुभवों को सीख पाती है।
उपसंहार
प्रश्न - 24. डॉ. चन्द्रा एक साहसी और असाधारण व्यक्तित्व की धनी थीं। इस कथन को 'अपराजिता' पाठ के आधार पर प्रमाणित कीजिए।
उत्तर :– डॉ. चन्द्रा का व्यक्तित्व उनकी शारीरिक अक्षमता के बावजूद साहसी और असाधारण था, जो निम्नलिखित बातों से प्रमाणित होता है:
प्रश्न - 25. तुलसीदास के पद की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 'हमते अधिक दीन नहिं कोऊ, तुमते अधिक न दीन हितू।
यह बिचारि रघुबंसमनि ! मेरे, सब औगुन छमियो छितू॥'
उत्तर :–
संदर्भ :–
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक 'भाषा भारती' के पाठ 6 'भक्ति के पद' में संकलित संत कवि तुलसीदास के पद से ली गई हैं।
प्रसंग :–
इन पदों में कवि तुलसीदास ने प्रभु राम के सामने अपनी दीनता (कमजोरी) व्यक्त की है और उनसे अपनी गलतियों को क्षमा करने की प्रार्थना की है।
व्याख्या :–
कवि तुलसीदास कहते हैं कि हे प्रभु, 'हमसे अधिक दीन (गरीब/कमजोर) कोई नहीं है' और 'आपसे अधिक दीन-हीनों का हित करने वाला कोई नहीं है'। अर्थात, मेरे जैसा दीन कोई नहीं और आपके जैसा पतितपावन भी कोई नहीं है। हे रघुवंशमणि (भगवान राम), आप इस बात का विचार करके मेरे सभी अवगुणों को क्षमा कर दीजिए। कवि अपनी कमजोरियों और गलतियों को मानते हुए प्रभु की कृपा और क्षमा का निवेदन कर रहे हैं।
प्रश्न - 26. पत्र लेखन: अपने छोटे भाई को पढ़ाई में मन लगाने के लिए एक प्रेरणादायक पत्र लिखिए।
उत्तर :–
(शहर का नाम)
दिनांक: 07 दिसंबर 2025
प्रिय छोटे भाई (भाई का नाम),
शुभ आशीर्वाद।
मुझे आशा है कि तुम वहाँ ठीक होगे और तुम्हारी पढ़ाई भी अच्छी चल रही होगी।
तुम्हारे स्कूल से पता चला कि आजकल तुम्हारा मन पढ़ाई में कम लग रहा है। मैं जानता हूँ कि कभी-कभी पढ़ाई बोरिंग लग सकती है, लेकिन याद रखो, यह तुम्हारे भविष्य की नींव है। आज की गई मेहनत ही कल तुम्हें सफलता दिलाएगी।
तुम हमेशा से ही बहुत बुद्धिमान रहे हो। यदि तुम अपनी पूरी एकाग्रता पढ़ाई में लगाओगे, तो तुम्हें कोई नहीं रोक सकता। पढ़ाई को एक बोझ नहीं, बल्कि एक मजेदार चुनौती समझो। विषय को समझने की कोशिश करो, रटने की नहीं। सुबह जल्दी उठकर पढ़ने की आदत डालो और अपनी दिनचर्या में थोड़ा खेलकूद भी शामिल करो ताकि तुम्हारा मन तरोताज़ा रहे।
अगर तुम्हें किसी विषय में कोई दिक्कत आ रही हो, तो बिना झिझक मुझे बताना। मैं तुम्हारी हर तरह से मदद करूँगा। मन लगाकर पढ़ो और अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करो।
तुम्हारा बड़ा भाई/बहन,
(आपका नाम)
पब्लिक 💬 टिप्पणियाँ (Comments) (1)
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