अर्द्धवार्षिक परीक्षा सत्र 2025-26
नोट - सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (प्रश्न 1 - 5)
निर्देश― प्रत्येक प्रश्न के 4 विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न - 1. 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' कविता के रचयिता कौन हैं?
उत्तर : (B) श्यामलाल पार्षद
प्रश्न - 2. झंडे को देखकर शत्रु काँपने लगते हैं और क्या मिट जाता है?
उत्तर : (C) भय संकट सारा
प्रश्न - 3. 'कटुक वचन मत बोल' पाठ में किस बात का महत्व स्पष्ट किया गया है?
उत्तर : (B) वाणी का
प्रश्न - 4. जीभ कोमल है और दाँत कठोर हैं। जो कोमल या नम्र होता है, वही क्या होता है?
उत्तर : (B) दीर्घजीवी
प्रश्न - 5. 'झंडा' शब्द का पर्यायवाची शब्द इनमें से कौन सा है?
उत्तर : (C) पताका
रिक्त स्थान (प्रश्न 6-10)
निर्देश― नीचे दिए गए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न - 6. सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेम सुधा सरसाने वाला।
प्रश्न - 7. स्वतंत्रता है ध्येय हमारा।
प्रश्न - 8. कटु सत्य को भी विनम्रता के साथ कहने से बात बिना ठेस लगे दूसरों तक पहुँचाई जा सकती है।
प्रश्न - 9. कड़वी बात लोगों के दिलों में चुभ जाती है।
प्रश्न - 10. नम्रता और मीठे वचन ही मनुष्य का आभूषण हैं।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रश्न 11-16)
निर्देश― नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 2 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न - 11. 'भीषण' और 'अविचल' शब्दों के अर्थ लिखिए।
उत्तर : भीषण = भयानक, डरावना। अविचल = स्थिर।
प्रश्न - 12. कवि ने झंडे को 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' क्यों कहा है?
उत्तर : स्वतंत्रता संग्राम में यह गीत शक्ति, प्रेम और वीरता का प्रतीक था और यह स्वतंत्रता प्राप्ति के ध्येय को प्राप्त करने में सफल रहा, इसलिए कवि ने झंडे को 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' कहा है।
प्रश्न - 13. 'कटुक वचन मत बोल' पाठ से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर : इस पाठ से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि मनुष्य को हमेशा विनम्र और मृदुभाषी होना चाहिए, क्योंकि कड़वी बात (कटुक वचन) बोलने से अनर्थ हो जाते हैं।
प्रश्न - 14. कन्फ्यूशस के अनुसार अधिक समय तक कौन जीता है?
उत्तर : कन्फ्यूशस के अनुसार, जिसमें लचीलापन होता है और जो नम्र होता है, वही अधिक समय तक जीता है और जीवन में जीतता है।
प्रश्न - 15. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए: (i) स्वतंत्रता (ii) विजय
उत्तर : (i) स्वतंत्रता का विलोम है परतंत्रता या गुलामी। (ii) विजय का विलोम है पराजय।
प्रश्न - 16. 'तन' और 'शत्रु' शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर : तन - देह, शरीर। शत्रु - बैरी, अरि।
लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रश्न 17-22)
निर्देश― नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 3 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न - 17. कवि वीरों को क्यों बुला रहा है? वे क्या प्रण पूर्ण करके दिखलाएँगे?
उत्तर : कवि वीरों को देश-धर्म पर न्यौछावर होने के लिए बुला रहा है। वे विश्व विजय करके यह दिखलाएँगे कि वे अपने देश की शान को जाने नहीं देंगे, चाहे इसके लिए उनकी जान ही क्यों न चली जाए। इस प्रकार वे अपना प्रण पूर्ण करेंगे।
प्रश्न - 18. 'इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए' - इन पंक्तियों का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : इन पंक्तियों का भाव यह है कि हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और गौरव की रक्षा किसी भी कीमत पर करनी चाहिए। अपनी मातृभूमि की प्रतिष्ठा को बनाए रखना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है। यदि झंडे की शान बनाए रखने के लिए हमें अपने प्राणों का बलिदान भी देना पड़े, तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए।
प्रश्न - 19. 'बातन हाथी पाइए, बातन हाथी पाँव', का क्या आशय है?
उत्तर : इस कहावत का आशय यह है कि मनुष्य अपनी मीठी वाणी (अच्छी बातें) के बल पर हाथी जैसा मूल्यवान पुरस्कार प्राप्त कर सकता है (सफलता पा सकता है)। वहीं, कड़वी वाणी (बुरी बातें) के कारण वह हाथी के पाँव (कठोर दंड या अपमान) भी पा सकता है। अर्थात, जीवन में सफलता और असफलता बहुत हद तक हमारी वाणी पर निर्भर करती है।
प्रश्न - 20. लाल बहादुर शास्त्री जी ने शेर सुनाकर अपनी पत्नी का क्रोध कैसे शांत किया?
उत्तर : श्रीमती शास्त्री जी जब क्रोध में थीं, तब लाल बहादुर शास्त्री जी ने उन्हें दो शेर सुनाए। पहला शेर था: "कुदरत को नापसन्द है सख्ती जबान में। इसलिए तो दी नहीं हड्डी जबान में।।" और दूसरा शेर था: "जो बात कहो, साफ हो, सुथरी हो, भली हो। कड़वी न हो, खट्टी न हो, मिश्री की डली हो।।" इन शेरों को सुनकर श्रीमती शास्त्री का क्रोध का पारा बहुत नीचे उतर गया।
प्रश्न - 21. 'प्रेम सुधा सरसाने वाला' से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय ध्वज यह कार्य कैसे करता है?
उत्तर : 'प्रेम सुधा सरसाने वाला' का अर्थ है प्रेम रूपी अमृत का संचार करने वाला। हमारा राष्ट्रीय ध्वज स्वतंत्रता आंदोलन में सभी लोगों को एक सूत्र में बांधने का प्रतीक था। यह हमें याद दिलाता है कि हम सब एक ही मातृभूमि की संतान हैं, जिससे लोगों के मन में आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना जाग्रत होती है।
प्रश्न - 22. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए: (i) पूरण (ii) विरो (iii) सान (iv) ऊंचा
उत्तर : (i) पूरण - पूर्ण (ii) विरो - वीरों (iii) सान - शान (iv) ऊंचा - ऊँचा
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (प्रश्न 23 - 26)
निर्देश― नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न - 23. अपनी पाठशाला के प्रधानाध्यापक को तीन दिन के अवकाश (छुट्टी) के लिए एक आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर :
सेवा में,
प्रधानाध्यापक महोदय,
[अपनी पाठशाला का नाम लिखें],
[शहर का नाम]।
विषय: तीन दिन के अवकाश हेतु आवेदन पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे अचानक तेज बुखार आ गया है। इस कारण, मैं दिनांक [दिनांक] से [दिनांक] तक तीन दिनों के लिए पाठशाला आने में असमर्थ हूँ। डॉक्टर ने मुझे पूर्ण आराम करने की सलाह दी है।
अतः, आपसे प्रार्थना है कि मुझे तीन दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
आपकी अति कृपा होगी।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य/शिष्या,
नाम: [अपना नाम]
कक्षा: 6 वीं
दिनांक: [आज की तारीख]
प्रश्न - 24. निम्नलिखित पंक्तियों का सन्दर्भ सहित भावार्थ (व्याख्या) लिखिए।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
उत्तर :
सन्दर्भ: यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'भाषा भारती' के पाठ 1 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' से लिया गया है। इसके रचयिता श्यामलाल पार्षद हैं।
भावार्थ: कवि कहते हैं कि हमारा तिरंगा झंडा सदा शक्ति बरसाने वाला है, अर्थात इसे देखकर हमें नई ऊर्जा मिलती है। यह प्रेम रूपी अमृत का संचार करने वाला है, जो लोगों में आपसी प्रेम की भावना भरता है। यह झंडा वीरों को खुशी प्रदान करने वाला है और हमारी मातृभूमि के तन-मन का प्रतीक है। कवि कामना करते हैं कि देश का गौरव और सम्मान हमेशा बना रहे, इसलिए हमारा यह झंडा हमेशा ऊँचा लहराता रहे।
प्रश्न - 25. 'तीन इंच की जीभ, छह फुट के आदमी को मार सकती है', इस कथन को 'कटुक वचन मत बोल' पाठ के आधार पर समझाइए।
उत्तर : यह कथन बिल्कुल सत्य है। इसका आशय यह है कि भले ही जीभ छोटी होती है, लेकिन इससे निकलने वाले कड़वे और कठोर वचन (कटुक वचन) किसी भी व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकते हैं।
मानसिक घाव: कठोर शब्दों से हृदय पर लगा घाव (मानसिक पीड़ा और अपमान) तलवार के घाव से भी अधिक गहरा होता है और लंबे समय तक नहीं भरता।
सामाजिक नुकसान: कड़वी बात व्यक्ति को सामाजिक रूप से अपमानित कर सकती है, जिससे उसका आत्मविश्वास टूट जाता है, या वह घृणा और शत्रुता का शिकार हो सकता है।
दंड का कारण: वाणी का दुरुपयोग (जैसे झूठ बोलना या किसी पर झूठा आरोप लगाना) किसी को कारावास (जेल) तक पहुंचा सकता है या मृत्युदंड का कारण भी बन सकता है।
इस प्रकार, वाणी का एक गलत प्रयोग व्यक्ति के पूरे जीवन को समाप्त कर सकता है। इसलिए, व्यक्ति को हमेशा मृदुभाषी (मीठा बोलने वाला) होना चाहिए।
प्रश्न - 26. किसी भी एक विषय पर लगभग 150 शब्दों में निबंध लिखिए:
(क) मेरी पाठशाला (ख) पुस्तक (ग) मेरा प्रिय त्योहार
उत्तर : (क) मेरी पाठशाला
मेरी पाठशाला का नाम शासकीय माध्यमिक शाला, समनापुर है। यह मेरे घर से थोड़ी ही दूर पर स्थित है। मेरी पाठशाला का भवन बहुत सुन्दर और विशाल है। यहाँ एक बड़ा खेल का मैदान है, जहाँ हम रोज खेलते हैं। पाठशाला के चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे और फूल लगे हैं, जिससे वातावरण बहुत शांत और स्वच्छ रहता है।
यहाँ पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। पाठशाला में एक विशाल पुस्तकालय है, जहाँ हजारों ज्ञानवर्धक किताबें हैं, और एक कंप्यूटर कक्ष भी है।
हमारे शिक्षक और शिक्षिकाएं बहुत दयालु और ज्ञानी हैं। वे हमें केवल किताबी ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि हमें अच्छे संस्कार और जीवन-मूल्य भी सिखाते हैं। वे हर विषय को बहुत सरल तरीके से समझाते हैं।
हमारी पाठशाला में हर साल खेलकूद प्रतियोगिताएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और राष्ट्रीय पर्व (जैसे 15 अगस्त और 26 जनवरी) बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। मुझे अपनी पाठशाला से बहुत प्रेम है। यहाँ आकर मैं अच्छी शिक्षा प्राप्त करता हूँ और एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा लेता हूँ।
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